बैडमिंटन खेल का इतिहास
- Repoter 11
- 01 Mar, 2024
बैडमिंटन का इतिहास
बैडमिंटन खेल को देश में सर्व प्रथम पूना में खेला गया था। ब्रिटिश सेना के
अधिकारियों ने वर्ष 1870 के आसपास इस खेल को
सीख लिया और वे इसे अपने साथ वापस इंग्लैंड ले गए।
ड्यूक ऑफ ब्यूफोर्ट ने वर्ष 1873 में ग्लूस्टरशायर में स्थित अपने कंट्री एस्टेट में इस खेल को अपने
दोस्तों से परिचय कराया और खेल की शुरुआत की इसी लिए
आधुनिक बैडमिंटन की शुरुआत इसी को माना जाता है। यह स्थान “बैडमिंटन हाउस” कहा
जाता है। इसी कारण इस खेल का नाम बेडमिंटन पड़ा।
वर्ष 1875 तक, इंग्लैंड के फोल्कस्टोन में पहला बैडमिंटन क्लब शुरू किया गया था। जे. एच.
ई. हार्ट ने बैडमिंटन के नियमों को मानकीकृत किया और वर्ष1893 तक, आधुनिक बैडमिंटन के समान नियमों का पहला सेट
इंग्लैंड के बैडमिंटन एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित किया गया।
बैडमिंटन की जड़ें “बैटलडोर और शटलकॉक” नामक समान खेलों से जुड़ी हैं, जिनका पता 2000 साल
पहले प्राचीन ग्रीस और मिस्र में लगाया जा सकता था उन रैकेट खेलों में से एक है,
जिसमें खिलाड़ियों को बैडमिंटन कोर्ट के अंदर एक रैकेट के साथ नेट
के पार शटलकॉक मारने की आवश्यकता होती है। आम तौर पर, यह दो
रूपों में आता है।
इनडोर(बंद कमरे में खेला जाने वाला) और आउटडोर(बाहर मैदान, खुले में खेला जाने वाला) दोनों स्थानों में बैडमिंटन खेला जा सकता है
हालांकि, अधिकांश विश्व स्तरीय प्रतियोगिताएं इनडोर में
आयोजित की जाती हैं क्योंकि बाहर के हवा और रोशनी के कारण होने वाले प्रभाव को
न्यूनतम स्तर तक कम किया जा सके।
बैडमिंटन की उत्पत्ति का इतिहास
2000 वर्षों से भी पहले बैटलडोर (बैट या पैडल) और शटलकॉक (जिसे “पक्षी” या
“बर्डी” या “चिड़िया” भी कहा जाता है) नामक प्राचीन खेल से पता लगता है कि इस तरह
के खेल ग्रीस, मिस्र, चीन, भारत और जापान देशों में सदियों से खेले जाते थे।
वर्ष 1600 के दशक में, बैटलडोर और शटलकॉक एक ऐसा खेल था जिसमें 2
व्यक्ति एक शटलकॉक को जमीन से टकराने से पहले जितनी बार संभव हो एक
दूसरे की ओर मारते थे। यह इंग्लैंड सहित यूरोप में एक
उच्च श्रेणी, अभिजात्य लोगो का
खेल माना जाता था। जापान
में एक ऐसा ही खेल खेला जाता है जिसे हानेत्सुकी कहा
जाता है। यह एक बहुत ही लोकप्रिय नए साल का खेल है जिसमें हागोइता नामक लकड़ी का
पैडल और हाने नामक एक शटल इस्तेमाल होता है।
बेट्टी उबेर द्वारा लिखित “1870 से 1949 तक बैडमिंटन का संक्षिप्त इतिहास” के अनुसार,
ब्रिटिश भारत में लगभग वर्ष 1850 के दशक में
ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों द्वारा आधुनिक बैडमिंटन लाया गया था। उस समय खेल में
दोनो खिलाड़ियों के बीच में एक जाल जोड़ा गया था। यह पूना शहर में बहुत लोकप्रिय
था, इसलिए खेल को पूना के नाम से जाना जाता था।
उस अवधि के दौरान, जब मौसम हवादार और गीला
होता है, शटलकॉक के बजाय, ऊनी गेंद को
उच्च वर्ग द्वारा पसंद किया जाता था और इसलिए “बॉल बैडमिंटन” का आविष्कार किया
गया। वर्ष 1870 के दशक के आसपास, सेवानिवृत्त
ब्रिटिश सेना के अधिकारी इस खेल को भारत से वापस इंग्लैंड ले आए और यह एक बहुत
लोकप्रिय खेल बन गया।
वर्ष 1873 में ड्यूक ऑफ
ब्यूफोर्ट ने ग्लूस्टरशायर में अपने कंट्री एस्टेट, “बैडमिंटन
हाउस” में इस खेल की शुरुआत की थी तभी से इस खेल को बैडमिंटन कहा जाने लगा।
वर्ष 1875 में, इंग्लैंड के फोल्कस्टोन में एक बैडमिंटन क्लब, ब्रिटिश
भारत के सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा शुरू किया गया था।वर्ष1887 में, ‘बाथ बैडमिंटन क्लब’ के जे.एच.ई. हार्ट ने
नियमों का मानकीकरण किया।
13 सितंबर 1893 को, इंग्लैंड के
बैडमिंटन एसोसिएशन ने आधुनिक नियमों के समान नियमों का पहला सेट प्रकाशित किया,
जो सिक्स वेवरली ग्रोव, पोर्ट्समाउथ, इंग्लैंड में “डनबर” में प्रकाशित किया गया
था।
वर्ष 1899 में, उन्होंने दुनिया में पहली बैडमिंटन प्रतियोगिता, “ऑल
इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप” शुरू की।
वर्ष1934 में, इंटरनेशनल बैडमिंटन फेडरेशन (IBF, जिसे अब बैडमिंटन
वर्ल्ड फेडरेशन के नाम से जाना जाता है) का गठन इंग्लैंड, स्कॉटलैंड,
वेल्स, कनाडा, डेनमार्क,
फ्रांस, आयरलैंड, न्यूजीलैंड
और नीदरलैंड के सदस्यों द्वारा किया गया था। यही फेडरेशन के संस्थापक सदस्य भी
बनाए गए।
वर्ष 1948 में थॉमस कप (विश्व
पुरुष टीम चैंपियनशिप), अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ
द्वारा पहला टूर्नामेंट शुरू किया गया।
वर्ष 1972 म्यूनिख ओलंपिक में बैडमिंटन एक डेमो खेल के रूप में सम्मलित किया गया और वर्ष1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में एक आधिकारिक ओलंपिक खेल बन गया। प्रारंभिक अवस्था में केवल सिंगल्स और डबल्स खेल ही सूचीबद्ध किए गए थे परन्तु वर्ष 1996 में मिक्स्ड डबल्स को अटलांटा ओलंपिक में शामिल किया गया। बैडमिंटन अभी भी ओलंपिक में मिश्रित युगल स्पर्धाओं वाला एकमात्र खेल है।
इंडोनेशिया, डेनमार्क, चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और
स्पेन ने अब तक ओलंपिक बैडमिंटन खेल में स्वर्ण पदक
जीता है।
बैडमिंटन खेल का आनंद लेने के लिए निम्न लिखित आवश्यकता होती है:
- बैडमिंटन रैकेट (2 या 4) शटलकॉक
(पंख के या प्लास्टिक के हो सकते हैं)
- 2 या 4 खिलाड़ी
- बैडमिंटन कोर्ट ( सुविधानुसार इनडोर या आउटडोर)
- एक नेट जो बैडमिंटन कोर्ट के बीचों बीच केंद्र
में सेट किया गया हो।
- सिंगल बैडमिंटन कोर्ट की साइज 13.4मीटर (44.00’)
लम्बा और 5.17 मीटर
(17.00’) चौड़ा
- डबल बैडमिंटन कोर्ट की साइज 13.4 मीटर (44.00’)
लम्बा और 6.1 मीटर
(20.00’) चौड़ा
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