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अब तो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी अध्ययन करना होगा लेकिन कैसे?

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कुछ विचार प्रस्तुत कर रहा हूँ लेकिन - माइकल जॉन बोबक ने सच ही कहा है कि - “सभी प्रगति आराम क्षेत्र से बाहर होती है” हर साल लाखों छात्र JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होते हैं। उनमें से केवल कुछ ही मनपसंद कॉलेजों में अपना स्थान सुरक्षित करने में सफल होते हैं।आज के कठिन शैक्षणिक माहौल में, परीक्षाओं की उलझनों से बाहर निकलने के लिए सिर्फ़ किताबी ज्ञान की ज़रूरत नहीं है, इसके लिए रणनीतिक योजना और आत्मविश्वास की ज़रूरत होती है।प्रत्येक परीक्षा को जीतने की योजना के साथ आगे बढ़ने से ही सफलता मिलती है।योजना के बिना लक्ष्य सिर्फ़ एक इच्छा है, और किसी के पास ऐसा कोई जादुई चिराग नहीं होता है जो सभी इच्छाओं को पूरा कर सके। इसलिए, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। जब परीक्षा में अव्वल आने वाले छात्रों, सफल व्यवसायियों या यहाँ तक कि जीवन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पेशेवरों पर नज़र डालते हैं, तो पाते हैं कि उनमें एक पहलू समान है।वह है कार्य योजना, जिसे वे अपने दैनिक जीवन में बनाते और लागू करते हैं।योजना जीवन में अनुशासन लाती है और हर काम को आसान और कुशल बनाती है। इसके अलावा, जब पास समय पर काम पूरा करने की योजना होती है, तो कम टालने की संभावनाएँ भी होती हैं।

आँकडें बताते हैं कि वर्ष 2023 में कुल 1,55,538 उम्मीदवारों में से 40,712 उम्मीदवारों ने जेईई एडवांस क्वालीफाई किया था। वर्ष 2022 में कुल 1,55,538 छात्र शामिल हुए, जिनमें से केवल 40,712 उम्मीदवार ही परीक्षा के लिए योग्य रहे। इस वर्ष जेईई-मेन 2024 में दोनों सेशन मिलाकर 14 लाख 15 हजार 110 छात्र और छात्राएँ शामिल हुए हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले करीब तीन लाख से अधिक छात्र और छात्राएँ ने इस साल एग्जाम दिया है। इनसे केवल ढाई लाख छात्र और छात्राएँ एडवांस्ड परीक्षा के लिए चुने गए। जिसमें सामान्य श्रेणी से 1 लाख 1 हजार 324, ईडब्ल्यूएस से 25029, ओबीसी से 67570, एससी से 37581 और एसटी के 18780 कैंडिडेट्स शामिल हैं।इनसे अन्दाज़ तो लग जाता है कि यह परीक्षा कितनी कठिन है। हर छात्र और छात्राएँ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। अंतर केवल तैयारी, अध्ययन तकनीक और निरंतरता में है और यही सफल छात्र और छात्राओं और अन्य में अन्तर है।कुछ छात्र और छात्राएँ प्रभावी अध्ययन तकनीकों को लागू करते हैं और प्रतिदिन केवल 6-9 घंटे अध्ययन करके भी सफलता प्राप्त कर लेते है।जबकि अन्य 10-14 घंटे अध्ययन करते हैं और फिर भी संतोषजनक परिणाम प्राप्त नहीं कर पाते हैं। प्रश्न यही है कि प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए प्रभावी ढंग से अध्ययन कैसे हो। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन करने के लिए कुछ सुझाव:

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है, अच्छी तरह से योजनाबद्ध अध्ययन कार्यक्रम बनाना। दिन के हर घंटे की योजना, प्रत्येक विषय को घंटे आवंटित करना चाहिए और आगे चैप्टर्स को लेने से पहले पिछला काम पूरा कर लेना चाहिए।अध्ययन कार्यक्रम को कागज पर या बोर्ड पर लिखकर सामने रखना चाहिये जिस से वो हमेशा आँखों के सामने रहे।

पढ़ाई शुरू करने से पहले डेस्क तैयार कर लेना चाहिए। जो जगह चुने वो शान्त और आरामदायक हो।पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए और सभी समान सुविधा पूर्ण रखने की जगह भी हो। समय बचाने के लिए नोट्स, पाठ्यपुस्तकें, अभ्यास पत्र और स्टेशनरी जैसी अपनी ज़रूरत की सभी चीज़ें साथ साथ रखें।तैयारी के शुरुआत से ही अध्ययन समय को व्यवस्थित करना चाहिए। एक व्यवस्थित दृष्टिकोण एक साथ विषयों का अध्ययन करने में आसानी होती है।

पाठों को बार बार दोहराना महत्वपूर्ण अध्ययन तकनीक है जो परिणाम बना या बिगाड़ सकती है।दोहराने से याद रखने की क्षमता में सुधार आता है।जटिल विषयों पर अधिक समय बिताना चाहिए लेकिन पूरा पाठ्यक्रम दोहराना उचित रहता है। सोने से पहले हर दिन जो कुछ भी सीखा हो उसे दोहराना चाहिए और सप्ताह के अन्त पर पूरे सप्ताह के पाठ्यक्रम को फिर से दोहराना चाहिए। प्रयास करें की घर पर पका हुआ खाना खाएं और संभव नहीं हो तो सादा भोजन उचित रहेगा जिस से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायता रहेगी।क्योंकि बीमारी परीक्षा की तैयारी में विघ्न डाल सकती है। हल्का फुलका व्यायाम करें या आस पास तेज सैर करें। जब पढ़ाई नहीं कर रहे हों तो अपनी आँखों को थोड़ा आराम देना चाहिए ।

JEE और NEET जैसी शीर्ष-स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी पढ़ना और फिर से दोहराना पर्याप्त नहीं होता है । साथ ही साथ अध्ययन करने के बाद अपने भाषा में नोट्स बनाना चाहिए।संक्षिप्त सारांश लिखकर बुलेट पॉइंट आदि भी बनाना चाहिए। अधिकांश छात्र और छात्राएँ अवधारणा की स्पष्टता प्राप्त करने का प्रयास नहीं करते हैं वे याद करने में व्यस्त रहते हैं। मूल बातों को न समझ पाने का मतलब है विषय की नींव का निर्माण न करना। पहाड़ जितना बड़ा होता है, उसका आधार उतना ही ऊंचा होता है। इसलिए, अच्छी तरह से समझी गई अवधारणाएँ बहुत लंबे समय तक साथ रहती हैं, और यह संबंधित प्रश्नों को आराम से हल करने में मदद करती हैं। मूल अवधारणा के संक्षिप्त नोट्स तैयार करना अत्यधिक अनुशंसित है ताकि परीक्षा से पहले उन्हें संशोधित कर सकें। और एक तैयार नोट हमेशा ज़रूरत के समय काम आता है । लंबे और थकाऊ अध्ययन करने की जगह अध्ययन को बीच बीच के अवकाशों में विभाजित छोटे सत्रों में करना उचित रहता है। साथ ही, कठोर अध्ययन सत्र के बाद एक छोटा सा अवकाश मस्तिष्क को बेहतर ढंग से काम करने के लिए पर्याप्त समय भी मिल जाता है। हर आधे घंटे के बाद पाँच मिनट का छोटा अवकाश लेना ठीक रहता है।

अधिक से अधिक प्रश्नों का अभ्यास करना और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों, प्रश्न बैंकों और दैनिक अभ्यास पत्रों को हल करने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि अवधारणा और उसके अनुप्रयोग को सही ढंग से समझ रहे हैं। इससे परीक्षा पैटर्न से भी परिचित होने में मदद मिलेगी,आत्मविश्वास बढ़ता है और दृष्टिकोण को तदनुसार रणनीति बनाने में मदद मिलती है । समय-समय पर खुद का मूल्यांकन करना सफल परीक्षा की तैयारी के लिए एक आवश्यक अभ्यास होता है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अर्हता प्राप्त करना आसान नहीं है। यह लगातार प्रयासों, कड़ी मेहनत और प्रभावी अध्ययन अभ्यासों की प्रक्रिया है। प्रत्येक विषय के लिए दैनिक अध्ययन लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सोने से पहले उन्हें पूरा कर लें। दिमाग बहुत सी बातों को अंतर्निहित रखता है और दबाव भी रहता है परंतु चिंता न करके स्वस्थ आदतें अपनाने से मदद मिलती है । नियमित अंतराल पर अध्ययन करना चाहिए और भूख को बनाए रखना चाहिए। रात में अच्छी नींद लेना भी आवश्यक है और प्रत्येक प्रभात से नयी दिनचर्या की शुरुआत करना चाहिए।रात भर जागने के बजाय, बिस्तर पर जाने से पहले अपने सभी नोट्स या महत्वपूर्ण अवधारणाओं को संशोधित कर पढ़ना ज़्यादा फ़ायदा देता है।

किसी और को सिखाने के लिए कुछ अच्छी तरह से सीखना और समझना पड़ता है। जब कुछ नया सीख रहे हों, तो इस बारे में सोचने का प्रयास करें कि इस नई अवधारणा को किसी और को कैसे समझाएंगे। किन उदाहरणों का उपयोग करेंगे, यह पिछले विषयों से कैसे जुड़ा है, और इसके अनुप्रयोग को कैसे परिभाषित कर सकते हैं? यह तकनीक तेजी से याद करने के लिए नई जानकारी सीखने और समझने की अपनी शैली का आविष्कार करने में मदद करती है। समयबद्ध अभ्यास, मॉक टेस्ट और मॉडल पेपर हल करना एक सही कदम होता है ।मॉक टेस्ट परीक्षा के प्रारूप के बारे में अच्छी जानकारी देते हैं, जिसमें प्रश्नों के प्रकार, समय सीमा और अंकन योजना शामिल है। इससे परीक्षा प्रारूप के साथ सहज होने में मदद मिलती है और परीक्षा के दौरान चिंता कम होती है। मॉक टेस्ट समय के साथ प्रगति को ट्रैक करने में भी मदद करते हैं।

यदि कहीं फंस गए हैं या कुछ समझ नहीं पा रहे हैं, कोई भी विषय, समीकरण, संख्यात्मक तो शिक्षकों या सलाहकारों से मदद मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए। इसलिए, जब भी आवश्यकता हो, मदद और मार्गदर्शन मांगें।खुद पर ज़्यादा बोझ न डालें और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करें।यह जानना भी ज़रूरी है कि कमज़ोर किस विषय में हैं और उन पर ज़्यादा ध्यान देना एक महत्वपूर्ण तैयारी रणनीति हो सकती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी विषय समान रूप से अच्छी तरह से तैयार किए गए हैं। साथ ही सकारात्मक होना और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना आवश्यक है तथा कभी हार न मानने वाला रवैया रखना भी मदद करता है।आत्मविश्वास ही जीत की कुंजी है। इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन बिना तैयारी के आत्मविश्वास एक आपदा है। सकारात्मक विचार रखें, अच्छी तरह से तैयार रहें।जब भी अध्ययन करें, तो परीक्षा के प्रति दृष्टिकोण आशावादी और सकारात्मक होना चाहिए, परंतु अति- आत्मविश्वास ठीक नहीं हैं।संतुलन बना कर रखने की कोशिश करना चाहिए।मानसिक स्वास्थ्य के मोर्चे पर, नकारात्मक लोगों से दूर रहें। उन लोगों के साथ रहें जो खुद पर विश्वास करते हैं।तनाव लेने से बचें क्योंकि यह मदद नहीं करने वाला है।उद्देश्य और समर्पण के साथ अध्ययन सामग्री में गोता लगाएँ, परीक्षा पाठ्यक्रम के हर पहलू में खुद को डुबोएँ।

सभी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं की सूची दी गई है।परीक्षाओं और पदों में से चुन सकते हैं और अपनी पात्रता मानदंडों के आधार पर किसी भी परीक्षा में शामिल होने का प्रयास कर सकते हैं। एसएससी सीजीएल (संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा), एसएससी सीएचएसएल (संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर),एसएससी सीपीओ (केंद्रीय पुलिस संगठन),एसएससी जीडी(जनरल ड्यूटी कांस्टेबल),एसएससी एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ),एसएससी स्टेनोग्राफर,आर आर बी एएलपी (सहायक लोको पायलट),आर आर बी एनटीपीसी (गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियां), आर आर बी जेई (जूनियर इंजीनियर),एसएससी जेई (जूनियर इंजीनियर),आर आर बी ग्रेड डी, यूपीएससी सीएपीएफ(केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सहायक कमांडेंट),एसबीआई पीओ (प्रोबेशनरी ऑफिसर),एसबीआई एसओ(विशेषज्ञ अधिकारी),एसबीआई क्लर्क (जूनियर एसोसिएट और ग्राहक सहायता),आईबीपीएस पीओ (प्रोबेशनरी ऑफिसर),आईबीपीएस एसओ (विशेषज्ञ अधिकारी),आईबीपीएस क्लर्क, आईबीपीएस आरआरबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक परीक्षा),आरबीआई ग्रेड बी (अधिकारी स्केल),आरबीआई सहायक, एनआईएसीएल सहायक, एनआईएसीएल एओ (प्रशासनिक अधिकारी),एलआईसी एएओ (सहायक प्रशासनिक अधिकारी),एलआईसी ADO (अपरेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर),एलआईसी HFL (हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड), UPSC भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा, FCI मैनेजर परीक्षा,राष्ट्रीय रक्षा अकादमी परीक्षा (NDA),संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS),वायु सेना सामान्य प्रवेश परीक्षा (AFCAT),राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD),भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक अधिकारी ग्रेड A (SIDBI),सामान्य योग्यता परीक्षा (CAT),खुफिया ब्यूरो में सहायक केंद्रीय खुफिया अधिकारी (ACIO IB),भारतीय आर्थिक परीक्षा सेवा, संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDSE),इंजीनियरिंग में स्नातक योग्यता परीक्षा (GATE),UPSC सिविल सेवा परीक्षा इत्यादि। छात्र और छात्राओं को काल, पूर्व सर्ग, संयोजन, संज्ञा आदि के नियमों के साथ-साथ सक्रिय निष्क्रिय आवाज़, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भाषण आदि पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। सामान्य जागरूकता और करंट अफेयर्स। सामान्य ज्ञान, स्थिर जी के, दैनिक समाचार, इतिहास, भूगोल, राजनीति, बैंकिंग जागरूकता, परीक्षा से पहले के लगभग 4 से 5 महीने के करंट अफेयर्स, कंप्यूटर ज्ञान आदि का अध्ययन करना और अपने को अपडेट रखना बहुत आवश्यक होता है।

कैल न्यूपोर्ट ने अपनी पुस्तक में गहन कार्य की अवधारणा पर चर्चा की है। यह पुस्तक स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स, कार्ल जंग और सिगमंड फ्रायड जैसे प्रसिद्ध पेशेवरों के गहन कार्य अभ्यास के प्रयासों की व्याख्या करती है। इसने उन्हें अपने युग में प्रासंगिक और अद्यतन रहने में बहुत मदद की। गहन कार्य संज्ञानात्मक रूप से मांग वाले कार्य पर बिना विचलित हुए ध्यान केंद्रित करने की क्षमता है। यह एक विशेष कौशल है, जो किसी को जटिल जानकारी को जल्दी से मास्टर करने और उपलब्ध समय में बेहतर परिणाम देने की अनुमति देता है। इसलिए, गहन कार्य, जो कुछ भी करते हैं उसमें बेहतर बनाएगा और शिल्प कौशल से मिलने वाली सच्ची संतुष्टि की भावना प्रदान करता है । हालाँकि गहन कार्य एक जटिल अवधारणा है और इसके लिए काफी अभ्यास की आवश्यकता होती है परंतु परिणाम बहुत ही उत्साहवर्धक होते हैं।

किसी भी विकर्षण से बचना आवश्यक है।हालाँकि सोशल मीडिया और स्मार्टफ़ोन युवाओं के जीवन में विकर्षण साबित हुए हैं, लेकिन अन्य (संभावित) विकर्षणों पर भी नज़र रखना महत्वपूर्ण है। ये विकर्षण अक्सर महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के चरण के दौरान बहुत समय बर्बाद करते हैं। अन्य विकर्षणों में समय-समय पर मिलने आने वाले मित्र और रिश्तेदार भी शामिल हैं, जिससे काफी समय बर्बाद होता है। इसके अलावा, दोस्तों और रिश्तेदारों से अनावश्यक कॉल, परीक्षा तनाव का कारण बन सकते हैं। किसी भी विकर्षण से बचने और कुशल परिणामों के लिए गहन कार्य का अभ्यास करना पड़ता है। विफलता और सफलता दोनों ही इस तरह के विकर्षणों के प्रति प्रतिक्रिया से निर्धारित होती हैं।

असफलता और सफलता कुछ महान करने का अभिन्न अंग हैं, लेकिन डर कुछ ऐसा है जो पूरे आत्मविश्वास को खत्म कर सकता है। यह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी और एक प्रभावी अध्ययन योजना के साथ वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए भी लागू होता है। इसलिए, कुछ स्थितियों को सँभालना मुश्किल लग सकता है, लेकिन बस इतना करना है कि अपने लक्ष्यों के प्रति सकारात्मक और प्रेरित रहें। हाँ, कार्यक्रम में बदलाव कर सकते हैं, लेकिन रास्ते में कुछ उतार-चढ़ाव वाली स्थितियों के कारण इसे छोड़ना नहीं चाहिए। असफलता और रचनात्मकता अलग-अलग नहीं हैं। ये जुड़वाँ बच्चों की तरह हैं, जो एक साथ चलते हैं। इसलिए, हमेशा याद रखना होगा कि कोई भी इंसान कभी भी असफल नहीं होता असफल न होकर दिलचस्प बनें। असफल होने के बाद, ठीक होने और सुधार करने के बाद, सभी एक बेहतर संस्करण में विकसित होते हैं I 

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