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सर्दी से बचाव

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सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, और धीरे-धीरे ठंड अपने चरम पर पहुंचेगी। सर्दी का यह मौसम सेहत से लेकर खूबसूरती तक के लिए वरदान की तरह है। इस मौसम में स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं, और त्वचा को भी। लेकिन मौसम के अनुसार कुछ सावधानियां रखनी भी जरूरी है, ताकि ठंड फायदेमंद साबित हो।सर्दी वह मौसम है जब देश में लोग इसके विविध शीतकालीन व्यंजनों और विशिष्टताओं का आनंद लेते हैं। इस मौसम में बढ़ती भूख और धीमे मेटाबॉलिज्म के साथ शरीर को ऊर्जा से भरने की जरूरत होती है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही ठंडी गुलाबी ठंडक में सैर करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगती है। यह सभी मौसमों में सबसे सुखद समय होता है, ताजी हवा और स्वस्थ वातावरण इस दौरान व्यायाम को शरीर के लिए अधिक फायदेमंद बनाते हैं।ध्यान रखने की बात है कि सर्दी के मौसम में जब भी सुबह सैर पर जाएं तो प्रयास करें  कि उगते हुए सूरज की धूप छाती पर आये।इस से विटामिन डी मिलता है और शरीर में गर्मी भी आती है जो बनी रहती है।इस मौसम में ठंड के कारण सर्दी, जुकाम और सांस संबंधी रोग अधिक होते हैं जिनसे बचने के लिए शरीर में गर्मी बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए प्रतिदिन धूप लेना उचित रहता है और सुबह-शाम सैर पर जाने से शरीर में प्राकृतिक रूप से गर्मी बनी रहेगी।

बदलते हुए मौसम में शरीर खुद को मौसम के अनुकूल आसानी से नहीं ढाल पाता। खास तौर से बच्चों और बुजुर्गों को मौसम के अनुकूल होने में समय लगता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता युवाओं की अपेक्षा कम होती है। ऐसे में सावधानियां न बरती जाए, तो वे जल्दी बीमार भी हो जाते हैं। इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक हो जाता है।बदले हुए इस मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखना है।ठंड के मौसम में सेहत के लिए क्या करें और क्या न करें की संक्षिप्त चर्चा की गई है :- 

शरीर को गर्म रखें

अत्यधिक ठंड का मौसम स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। अस्थमा या हृदय रोग जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं वाले लोगों पर सर्दियों के महीनों में विशेष जोखिम रहता है। स्वस्थ रहने के लिए शरीर को 37 डिग्री सेल्सियस के मुख्य तापमान पर रखने की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि कमरे कम से कम 18 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किए जायें। सर्दियों में शरीर के तापमान को बनाए रखने और गर्म रहने के कई तरीके हैं। इन सुझावों को आज़माएँ: 
 घर के अंदर पहनने के लिए गर्म कपड़ों की एक परत पहनें एक मोटे कपड़े के बजाय कई परतें पहनने से शरीर की गर्मी को रोकने और गर्म रखने में मदद मिलती है।ऊनी जंपर्स और थर्मल अंडरवियर जैसे इन्सुलेटिंग मटीरियल से बने कपड़े घर पर शरीर को गर्म रखने के लिए सबसे अच्छे हैं। गर्म पानी की बोतल का उपयोग करना भी लंबे समय तक गर्म रहने का एक सस्ता तरीका है।मोटे मोजे और चप्पल पहनकर भी पैरों को गर्म रख सकते हैं।

खाद्य और पेय

स्वस्थ भोजन करना और दिन भर में खूब गर्म पेय पीना घर पर गर्म रहने में मदद करता है। शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण तेजी से होता है।यह समय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और अच्छे पाचन के लिए भी अच्छा है।सर्दियों का मौसम शरीर की मरम्मत और रख-रखाव के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। शरीर को जरूरत रहती है पौष्टिक खाद्य पदार्थ की इसलिए इनका सेवन करना अच्छा रहता है। शरीर में सही मात्रा में ऊर्जा बनाए रखने वाले खाद्य पदार्थ लिए जाने से इस दौरान प्राप्त ऊर्जा पूरे वर्ष शरीर को  स्वस्थ रखने में काम आती है।इसलिए सर्दियों में आहार अधिक पौष्टिक लेना चाहिए।देखें इस दौरान क्या खाया जा सकता है

गुड़ का सेवन

चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करना बेहतर है।यदि गुड़ की शिरा और शहद का प्रयोग किया जाए तो शरीर को अधिक गर्मी और खनिज मिलते हैं। बच्चों का मनपसंद खाना गुड़ में बनाना चाहिए। गुड़ चीनी का विकल्प नहीं है, इसलिए शुगर की समस्या से पीड़ितों को यह गलतफहमी नहीं रखनी होनी चाहिए कि चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हरी सब्जियों का सेवन

सर्दियों में मिलने वाली सब्जियां जैसे पालक और पत्तागोभी सेहत के लिए अच्छी होती है। इस से इम्यून सिस्टम को ठीक रहता है। पालक और अन्य हरी सब्जियों में पाए जाने वाले कैरोटीनॉयड, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और अन्य पोषक तत्व इम्यूनीटी को बढ़ाते हैं जो सर्दियों के संक्रमण से बचाते हैं।ठंड में मौसमी हरी सब्जियों की भरमार होती है। चाहें तो इनका ताजा सूप बनाकर पिएं। यह गर्मी के साथ-साथ पोषण भी देगा। सलाद का प्रयोग भी कर सकते हैं।

खट्टे फलों का सेवन

इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए विटामिन सी तथा अन्य विशेष पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और ये पोषक तत्व खट्टे फलों में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। सर्दियों में संतरा बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना एक संतरा या कोई अन्य खट्टे फल खाना चाहिए।लेकिन इस मौसम में ठंडी व खट्टी चीजों व खाद्य पदार्थों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।फ्रिज में रखी चीजों का प्रयोग निकालने के कुछ समय बाद करें जब वे सामान्य तापमान पर आ जाएं। 

सूखे मेवे का सेवन

इसका सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में बहुत सहायक है। बादाम, काजू, अखरोट और किशमिश इत्यादि सूखे मेवे प्रोटीन, पोटेशियम और कैल्शियम सहित कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते है, जिस से इम्यूनीटी को मजबूत करने में मदद मिलती है। इसलिए इस मौसम में सूखे मेवों का भरपूर सेवन करना चाहिए । इससे दिमाग में तरावट होगी और स्मरण शक्ति के साथ-साथ सेहत व खूबसूरती भी बढ़ेगी। इस मौसम में ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें और आइसक्रीम जैसी चीजों से भी।

अनाज  का सेवन

आहार में अनाज को शामिल करना महत्वपूर्ण है। यदि आहार में साबुत अनाज को शामिल करते हैं, तो यह इम्यूनीटी को मजबूत करने में भी मदद करता है।क्योंकि इस से  मैग्नीशियम, आयरन और जिंक, विटामिन और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।

दूध से बने पदार्थों का सेवन

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आहार में दूध, दही, पनीर और छाछ जैसे दूध से बने पदार्थ को शामिल करना जरूरी है। दूध से बने पदार्थों में कैल्शियम भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। साथ ही, प्रोबायोटिक्स आदि भी  इम्यूनीटी को मजबूत करने का काम करते हैं, जिससे संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

गरम मसालों का सेवन

भारतीय व्यंजनों में कई मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। ये मसाले न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाते हैं। ऐसे में सर्दियों में अपनी इम्यूनीटी को बढ़ाने के लिए आहार में अदरक, हल्दी और दालचीनी को शामिल करना अच्छा रहता है।इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह स्वस्थ रहने में मदद करता है। मसाले शरीर को आंतरिक गर्मी प्रदान करते हैं । इसके अलावा अदरक वाली चाय और लौंग, गुड़ व हल्दी का काढ़ा सोते समय पीना फ़ायदेमंद रहता है।अगर दूध पीते हैं, तो हल्दी डालकर पिएं। यह सर्दी और बीमारियों से बचाएगी।लेकिन गरम मसालों का ज़्यादा सेवन  शरीर के लिये हानिकारक भी हो सकती है।

केसर का सेवन 

केसर को सबसे महंगे मसाले के रूप में जाना जाता है। केसर का सेवन शरीर को गर्म रखता है, त्वचा को मुक्त कणों से बचाता है और वजन घटाने में सहायता करता है। यह अपने औषधीय लाभों के लिए भी जाना जाता है, और कई लोग  सर्दियों के दौरान केसर दूध का सेवन करते हैं।

शोरबा(सूप) का सेवन

सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए और ठंड से बचने के लिये शरीर को गर्म रखना जरूरी है। ऐसे में सर्दियों के दौरान गर्म रहने के लिए टमाटर और सब्जियों से बने पौष्टिक सूप को अपने भोजन का हिस्सा बना सकते हैं। 

ताजे और सूखे फलों का सेवन 

पपीता और अनानास गर्मी लाते हैं ऐसी मान्यता है। आंवला विटामिन सी से भरपूर है और इम्यूनीटी को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है। इसीलिए सर्दियों में आंवले का जूस और आंवले का मुरब्बा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। खजूर की प्रकृति भी गर्म होती है और सर्दियों के महीनों के दौरान इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाता है।यह  फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन सी तथा बी थ्री का अच्छा स्रोत हैं।

जड़ी-बूटियाँ धारक वनस्पतियों और बीज का सेवन 

 तुलसी (तुलसी) एक जड़ी बूटी है जो सर्दी और बुखार से बचाती है और इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करती है।इसी प्रकार अदरक, (ताजा और सूखी किस्में) बहुत गर्म होती है। नींबू और नमक के साथ अदरक के टुकड़े भोजन के साथ खाना आम बात है, जबकि अदरक को चाय, दाल और सब्जियों में भी मिलाया जाता है। गुड़ और घी के साथ छोटी-छोटी कलछी में बना सोंठ का पाउडर सर्दियों की सर्दी से लड़ने के लिए बहुत उपयोगी  है। तिल के लड्डू और तिल की चिक्की तथा तिल के बीज या तिल के बीजों को सलाद, ब्रेड, पास्ता और पिज्जा पर छिड़कते हैं तो उनकी गर्माहट की गुणवत्ता का भी पता चलता है।

गोंद का सेवन

ठंड के दिनों में हड्डियों का दर्द, बदन दर्द, जोड़ों का दर्द बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है।शरीर में मिनरल्स की जरूरत को पूरा करना जरूरी होता है। ऐसे में अगर गोंद का सेवन करने से शरीर को फायदा होगा। मेथी के दानों का सीमित मात्रा में सेवन करने से हड्डियों और जोड़ों के दर्द में फ़ायदा होता है। 

सफेद और काले तिल का सेवन

शरीर निर्माण के लिए प्रोटीन आवश्यक है, इसलिए शरीर को स्वस्थ रखने के लिए ठंड के दिनों में आहार में सफेद और काले तिल अवश्य शामिल करना चाहिए। मूँगफली, अलसी भी आहार में अवश्य हो तो अच्छा है। 

शहद का सेवन

दिन की शुरुआत गर्म पानी और शहद से करने से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है।शहद खनिज, विटामिन, फ्लेवोनोइड और एंजाइम से भरपूर होता है जो आंतों को साफ रखने में मदद करता है। गर्म पानी में शहद मिलाकर पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह उपाय वजन घटाने के लिए भी काफी कारगर माना जाता है।

अंडे और मछली का सेवन 

अंडे और मछली विटामिन  से भरपूर होते हैं, जो इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, अंडे और मछली के सेवन से थकान और थकावट को कम किया जा सकता है। 
गर्म पेय का सेवन : सुबह उठकर अगर पानी पीने की आदत है, तो यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन ठंड के मौसम में गुनगुना या गरम पानी पीने की आदत बनाएं। इससे शरीर का तापमान बढ़ेगा और आंतरिक अंग सही तरीके से कार्य करेंगे।गर्म पेय पदार्थों के सेवन करने से शरीर अंदर से गर्म हो जाता है। कॉफ़ी एक बढ़िया विकल्प है जब तक कि दिन में दो बार से अधिक इसका सेवन न किया जाए।इस मौसम में हॉट चॉकलेट, चाय या सिर्फ एक कप गर्म दूध काम आता है। 

चारों ओर घूमें

लंबे समय तक स्थिर बैठने से बचना भी महत्वपूर्ण है। जितना संभव हो सके उतना घूमें-फिरें और सक्रिय रहें। इससे रक्त संचार को बढ़ावा मिलेगा और गर्म रहेंगे। इस मौसम में घर से बाहर जाते समय साथ गर्म कपड़ों और स्कार्फ को जरूर रख लें, ताकि लौटते समय अगर शाम हो जाए तो ठंडी हवाओं और सर्द मौसम का सामना न करना पड़े। यह तरीका बीमार नहीं होने देगा।

पैरों और हाथों को गर्म रखें

हो सकता है कि ये पहली चीज न हो जिसके बारे में सोचते हों, लेकिन यदि इस सर्दी में अच्छे और गर्म रहना चाहते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि जानें कि पैरों और हाथों को कैसे गर्म रख सकते हैं।जब ठंड पड़ती है, तो शरीर मुख्य और महत्वपूर्ण अंगों को गर्म रखने के लिए रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करता है। इससे हाथों और पैरों में रक्त प्रवाह बदल सकता है अर्थात वे ठंडे हो सकते हैं।इसलिए  उंगलियों और पैर की उंगलियों को चुस्त रखने से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए।

पैरों को गर्म रखना

नहाने के लिए गुनगुने या हल्के गर्म पानी का प्रयोग करें और नहाने के तुरंत बात त्वचा को तौलिए से पोंछ कर मॉश्चराइजर लगाएं ताकि वह त्वचा के अंदर तक समा जाए और रूखापन न रहे।घर के अंदर मोटे मोज़े और चप्पल पहनने से शरीर की गर्मी को रोकने में मदद मिलती है और पैर गर्म रहेंगे।अगर बाहर हैं, तो गर्म मोज़े और जूते पहनना चाहिए। बाल धोने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करें और उससे पहले तेल की मालिश जरूर करें। बाल सुखाने के बाद ही  बाहर निकलें। अन्यथा सर्दी लग सकती है और बाहर की हवा से बाल खराब हो सकते हैं।

हाथों को गर्म रखना

ऊन या चमड़े जैसी इन्सुलेटिंग सामग्री से बने दस्ताने पहनने से हाथ गर्म रहते हैं ।सर्दियों में हाथ गर्म करने वाले पैक जैसे हैंड वार्मर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दस्ताने या कपड़ों में लपेटे जाने पर ये सबसे अच्छे काम करते हैं।

घर को गर्म रखें

दिन के समय एक कमरे को गर्म करना घर को गर्म रखने और ऊर्जा बिल को कम करने का एक किफ़ायती तरीका है। कमरे को गर्म रखने के कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं।कोशिश कर सकते हैं

पर्दे

दिन के समय पर्दों को खोल दें।सर्दियों के महीनों में भी सूरज गर्मी प्रदान करता है।सूरज ढलते ही उन्हें बंद कर दें ताकि गर्म हवा अंदर रहे। मोटे पर्दों या थर्मल कर्टेन लाइनर्स में निवेश करने से ठंडी हवा को बाहर रखने और गर्मी के नुकसान को रोकने में मदद मिलती है ।

ड्राफ्ट एक्सक्लूडर का उपयोग करें

खिड़कियों और दरवाज़ों के आस-पास की दरारों से बहुत ज़्यादा गर्मी खो जाती  है। इसलिए खिड़कियों पर रबर सील लगाकर हवा को बाहर रखने का प्रयास करना चाहिये और दरवाज़ों के पास घर पर बना ड्राफ्ट एक्सक्लूडर इस्तेमाल कर सकते हैं।यह एक पुराना तौलिया भी हो सकता है, जिसे कसकर लपेटा गया हो। फर्नीचर को बाहरी दीवारों से दूर रखें आंतरिक दीवार के सहारे पीठ टिकाकर बैठने से तुरन्त ही बहुत अधिक गर्मी महसूस होती है।

फर्श को कालीनों से सुरक्षित रखें

अगर कालीन नहीं है, तो ढेर सारे गलीचे बिछाएँ। हार्डवुड या लैमिनेट फर्श कालीन वाले क्षेत्रों की तुलना में बहुत ठंडे होते हैं। 

खिड़कियों पर संघनन से बचें

खिड़कियाँ बंद होने से कंडेनसेशन जल्दी से बन सकता है और अंततः फफूंद में बदल सकता है। यह फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकता है। सुनिश्चित करें कि बाथरूम और रसोई में एक्सट्रैक्टर पंखे चालू रहे और नियमित अंतराल पर खिड़कियों को पोछा जाये।

रात में गर्म रहना

अंधेरा होने पर तापमान गिर जाता है, इसलिए सर्दियों में यह जानना ज़रूरी है कि रात में बेडरूम को जितना संभव हो सके उतना गर्म कैसे रखें।किसी भी तरह की हवा को कमरे के अंदर आने से रोकें, ठंड होने पर खिड़कियाँ बंद कर दें और फर्श को गर्म रखने के लिए कालीन बिछा देना चाहिए।

बिस्तर 

सर्दियों में बिस्तर पर गर्म रहना सभी के लिए बहुत ज़रूरी है। अतिरिक्त कंबल का उपयोग करना चाहिए या यदि संभव हो तो फलालैन या ऊनी बिस्तर का उपयोग करना चाहिए।ये सामग्री सबसे गर्म बिस्तर विकल्प हैं, क्योंकि वे शरीर की गर्मी को रोकते हैं और कपास की तुलना में बेहतर इन्सुलेटर का काम करते हैं।
 

इलेक्ट्रिक या भारित कंबल 

इलेक्ट्रिक कंबल हीटर की तुलना में चलाने में बहुत सस्ता है और रात भर गर्मी का निरंतर स्रोत प्रदान करता है। भारित कंबल भी बहुत आरामदायक होते हैं और गर्म रहने में मदद करते हैं क्योंकि वे ठंडी हवा को बिस्तर में नहीं आने देते हैं।

गर्म पजामा

सर्दियों में गर्म कपड़े पहनना सिर्फ़ दिन के लिए ही नहीं है। रात में ऊनी या फलालैन पजामा पहनना गर्म रखने में काफ़ी मददगार साबित होता है क्योंकि ये गर्मी को रोक लेते हैं।पैरों को भी न भूलें। बिस्तर के मोज़े पैरों को गर्म रखेंगे और सोने में मदद करते हैं।

गर्म पानी की बोतल

लागत प्रभावी और लंबे समय तक चलने वाली, गर्म पानी की बोतल रात भर गर्मी का सुरक्षित स्रोत प्रदान करती है। बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कम हो जाती है। ऐसे में सर्दी जुकाम और बुखार की परेशानी आम बात है। खानपान तथा रहन-सहन के मामले में खास ध्यान देने की जरूरत होती है।बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा होता है। ऐसे में साफ कपड़े ही पहनना चाहिए।खान पान पर ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार लेना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पर्याप्त पानी पीना चाहिए।मौसम के बदलते समय खांसी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को रोजाना भाप लेने के साथ नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करना चाहिए। सर्दियों में ऐसा अक्सर हो जाता है कि एका एक बर्फ पड़ने लगती है और यात्रा करते समय तैयारी इस से बचने की तैयारी नहीं होती है ऐसे समय में क्या करें इस पर भी थोड़ी चर्चा नीचे है

वाहन में फंसे हैं

अगर किसी वाहन में फंसे हैं, तो वाहन में ही रहें। अगर ज़रूरत हो तो आपातकालीन सहायता के लिए कॉल करें।ध्यान रखना चाहिए कि सर्दियों के मौसम में प्रतिक्रिया समय थोड़ा बढ़ जाता है ।अपनी स्थिति के बारे में आपातकालीन पर्यवेक्षक को सूचित कर दें । जब तक 100 गज के भीतर मदद दिखाई न दे, तब तक सहायता की तलाश में वाहन से बाहर न निकलें।भ्रमित होने की आशंका रहती है। वाहन के रेडियो ऐंटीना पर चमकीले रंग का कपड़ा लटकाकर और हुड को ऊपर उठाकर परेशानी का संकेत प्रदर्शित कर सकते हैं।हर घंटे लगभग 10 मिनट के लिए वाहन का इंजन चालू करें और गर्म रखने के लिए हीटर चलाएं। साथ ही, अतिरिक्त संकेत के रूप में वाहन के चलने पर वाहन की डोम लाइट चालू करें। कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से सावधान रहें। निकास पाइप को बर्फ से साफ रखें, और वेंटिलेशन के लिए खिड़की को थोड़ा बीच बीच में सावधानी से खोलते रहें। समय ज़्यादा हो जाने पर शीतदंश और हाइपोथर्मिया के लक्षणों पर  भी नज़र रखें ।शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाए रखने के लिए छोटे-मोटे व्यायाम करते रहें । ताली बजाएँ और कभी-कभी हाथ-पैर हिलाएँ। कोशिश करें कि एक ही स्थिति में बहुत देर तक न रहें। जागते रहें, इससे आपको ठंड से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा कम रहेगा।अतिरिक्त इन्सुलेशन के लिए कंबल, न्यूज़ पेपर और यहाँ तक कि हटाने योग्य कार मैट का भी उपयोग कर सकते हैं । अत्यधिक परिश्रम से बचें क्योंकि ठंड का मौसम दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है। बर्फ़ हटाने या वाहन को धक्का देने जैसे असामान्य व्यायाम दिल का दौरा ला सकते हैं या अन्य चिकित्सा स्थितियों को बदतर बना सकते हैं।

बर्फ हटाना

बर्फ हटाना कठिन काम हो सकता है, खासकर इसलिए क्योंकि ठंड का मौसम शरीर के लिए बहुत ज़्यादा कष्टदायक हो सकता है। थकावट, निर्जलीकरण, पीठ में चोट या दिल के दौरे की संभावना होती है। एक बार में थोड़ी मात्रा में बर्फ को निकालना चाहिए और जहाँ संभव हो, बर्फ को उठाने के बजाय उसे धकेलना चाहिए। बर्फ हटाते समय पीठ और अन्य चोटों से बचने के लिए उचित उठाने की तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है। इन सभी सावधानियों के बाद भी सर्दी के मौसम में कुछ ना कुछ जरा सी लापरवाही से हो ही जाता है।यही वह समय होता है जब ड्राई स्किन और रोज़ होने वाले फ्लू से भी परेशानी होती है।सर्दियों के मौसम में अधिकतर डॉक्टर क्लीनिक और अस्पताल में सर्दी और खांसी से परेशान मरीजों की संख्या अधिक होती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि स्वयं को सर्दी के मौसम में पूरे समय स्वस्थ एवं सुरक्षित  रखें। हालांकि यह काम थोड़ा कठिन अवश्य है, लेकिन फिर भी कुछ तरीके ऐसे हैं जिनकी मदद से सामान्य रूप से होने वाली बीमारियों को दूर रख सकते हैं।

सामान्य सर्दी

सर्दी के मौसम में आस पास घर हो या दफ्तर, हर जगह सर्दी और खांसी से परेशान व्यक्ति मिल ही जाएँगे। हालांकि सामान्य रूप से होने वाली सर्दी से कोई विशेष परेशानी नहीं होती है लेकिन यदि इसका समय पर उपचार न किया जाये तब यह तेज़ सिरदर्द, खराब गले, बलगम जमा होना और नाक के इन्फेक्शन में बदल सकती है। इसलिए सामान्य रूप से होने वाली सर्दी से बचाव के लिए अच्छा होगा कि भली-प्रकार से जरूरत के अनुसार गरम कपड़े पहने जाएँ और जहां तक हो सके घरेलू उपचार जैसे गर्म पानी के गरारे करना, गरम पानी की भाप लेकर भी सर्दी और खांसी को दूर कर सकते हैं।

निमोनिया

निमोनिया की बीमारी का सबसे पहला लक्षण ठंड लगना हो सकता है और यदि इसका उपचार न किया जाये तो यह नुकसानदेह भी हो सकता है। यह बैक्टीरिया से होने वाला इन्फेक्शन है और इसके कारण दूसरी विभिन्न बीमारियाँ भी हो सकती हैं। कुछ स्थितियों में इसका इलाज केवल डॉक्टर को दिखाने भर से और एंटीबायोटिक लेने से भी काम चल जाता है। लेकिन बीमारी के लक्षणों के आधार पर कभी-कभी मरीज को अधिक देखभाल की जरूरत होती है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है।

ड्राई स्किन

सर्दी में, विशेषकर कम नमी वाले मौसम में स्किन का ड्राई होना एक आम परेशानी है। सर्दी के मौसम में तेज़ गरम पानी से नहाने से बचना चाहिए जिससे स्किन पर होने वाली खुजली से बच सकें। इसके लिए अच्छी तरह से क्रीम या पेट्रोलियम जैली से स्किन को मॉस्चराइज करना चाहिए जिससे ड्राई स्किन की परेशानी से बच सकते हैं।

फ्लू

सर्दी के मौसम में फ्लू एक सामान्य रूप से होने वाली बीमारी मानी जाती है। इसके लिए बहुत जरूरी है कि हमेशा खाने से पहले हाथ धो लें जिससे हर प्रकार के किटाणु  दूर रह सकते हैं। इसके साथ ही हमेशा कान ढ़क कर और मोज़ों को पहन कर शरीर को गरम रखने का प्रयास करना चाहिए। कभी भी बीमारियों में स्वयं उपचार करने से बेहतर होता है की किसी प्रशिक्षित डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार किया जाए।
उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर ना केवल सर्दियों का आनंद उठा सकते है बल्कि पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन का भी आनंद ले सकते है।

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