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कैसे अपने को साक्षात्कार के लिए तैयार करें?

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किसी भी अच्छी जगह जाने पर पता चलता है कि अच्छे उम्मीदवार ही नहीं मिलते नौकरी कराने के लिये और वही जब किसी नौकरी के इच्छुक से मिलो तो कहते है की सब पहले से ही फिट था, हमें क्यों नौकरी देंगे।आत्म चिन्तन और कठोर परिश्रम की आवश्यकता है क्योंकि आजकल नौकरी ढूंढ़ना युवाओं के लिए एक चुनौती बन गई है। कई बार लोगों के पास तमाम डिग्री होने के बाद भी कोई नौकरी नहीं मिलती। साक्षात्कार किसी भी नौकरी पाने का सबसे अहम और अंतिम पड़ाव होता है। अगर किसी नौकरी पाने के लिए परीक्षा को पास भी कर लेते तो भी आखरी साक्षात्कार देना ज़रूरी होता है।
साक्षात्कार में सिर्फ पृष्ठभूमि और रुचि के बारे में ही नहीं पूछा जाता। साक्षात्कार क दौरान हर कौशल को टेस्ट किया जाता है जैसे रचनात्मक सोच, निर्णय लेने की क्षमता, संचार कौशल और भी बहुत कुछ। इन प्रश्नों से साक्षात्कारकर्ता पता लगाते हैं कि उम्मीदवार नौकरी के लिए सही हैं या नहीं। अगर साक्षात्कार के लिए अच्छी तरह से तैयारी नहीं की है, तो आत्मविश्वास खोना साधारण और अवश्यंभावी है और इसके साथ एक शानदार नौकरी पाने का मौका भी।

साक्षात्कार के दौरान मुस्कुराना और आँख से आँख मिला कर बात करना आत्म विश्वास को दर्शाता है। पूरे साक्षात्कार के दौरान शरीर की भाषा को भी जांचा जाता है इसलिए सवालों का जवाब देते समय मुस्कुराना और आँख से आँख मिला कर प्रश्नों का उत्तर देना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से साक्षात्कारकर्ता को यह समझने में मदद मिलती है कि उम्मीदवार में आत्म विश्वास कूट कूट कर भरा है और कठिन समय में भी निर्णय लेने में वो हिचकेगा नहीं।

साक्षात्कार में मुद्रा से यह पता चलता है कि साक्षात्कार देने वाला उम्मीदवार आत्मविश्वासी और दृढ़ निश्चयी होने के साथ-साथ सहज और एक टीम खिलाड़ी भी है। क्यूँकि साक्षात्कारकर्ता उम्मीदवार में भरोसेमंद, सक्षम और सहयोगी देखना चाहते हैं। साक्षात्कार देते समय चेहरे पर घबराहट नहीं आनी चाहिए। साक्षात्कार कर्ताओं को यह भी दिखना चाहिए हैं की उम्मीदवार साक्षात्कार को गंभीरता से ले रहा है। साक्षात्कार के लिए सही मुद्रा ढूँढ़ना एक नाजुक कार्य है और इसमें महारत हासिल करना आवश्यक है। साक्षात्कार देना एक गम्भीर विषय और जीवन का बहुत महत्वपूर्ण अंग है इस के लिए साक्षात्कार के लिए अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए।

एक बार जब साक्षात्कार देने के लिए बैठ जाएं, तो कुर्सी पर झुके बिना या डेस्क पर झुके बिना स्वाभाविक रूप से बैठें। साक्षात्कार के दौरान, बार-बार मुस्कुराना और आंखों का संपर्क बनाए रखना याद रखें।सबसे प्रासंगिक कौशल, अनुभव और उपलब्धियों का प्रमाण देते हुए सभी प्रश्नों का उत्तर स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से दें।उद्योग या क्षेत्र के प्रति लगाव और जनून को व्यक्त करें । बताएं कि वास्तव में काम में रुचि क्यों रखते हैं और यह दीर्घकालिक कैरियर लक्ष्यों के साथ कैसे मेल खाता है।यह समर्पण को दर्शाता है और दिखाता है कि उपलब्ध भूमिका में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित होने की संभावना भारी हुई है।

यदि अच्छी मुद्रा या आंखों का संपर्क बनाए रखने में कठिनाई होती है, तो दर्पण के सामने साक्षात्कार देने से पहले अभ्यास करें ताकि साक्षात्कार मुद्रा युक्तियाँ दूसरी प्रकृति बन जाएं और कैसे बैठे हैं इसके बारे में चिंता करने के बजाय साक्षात्कारकर्ता के प्रश्नों पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी रहे।

साक्षात्कार मुख्य तीन प्रकार के होते है:

(1) संरचित साक्षात्कार : प्रश्न विषय और क्रम दोनों में पूर्व निर्धारित किए जाते हैं।
(2) अर्ध-संरचित साक्षात्कार : कुछ प्रश्न पूर्व निर्धारित किए जाते हैं, लेकिन अन्य प्रश्नों की योजना नहीं बनाई जाती।
(3) असंरचित साक्षात्कार : कोई भी प्रश्न पूर्व निर्धारित नहीं होते हैं।

साक्षात्कार में इन बातों का ध्यान रखें :

सवाल को समझने का प्रयास करें साक्षात्कार के दौरान प्रत्येक सवाल को ध्यान से सुनें, समय का ध्यान रखें, साक्षात्कार में समय से पहले पहुंचने का प्रयास करें, नौकरी से जुड़ी जानकारी, अपने बारे में सकारात्मक बातें बताएं, सही ड्रेस का चुनाव करे।सबसे खास बात साक्षात्कार लेने वालों के सामने कभी भी गंभीर नहीं होना चाहिए और ना ही बे-वजह हंसना चाहिए।बस आत्मविश्वास से जवाब देना चाहिए।

कम्यूनिकेशन

कहा जाता है किसी को प्रभावित करने के लिए बेहतर कम्यूनिकेशन सबसे जरूरी है। बिना हिचक के लोगों के सामने अपनी विचारों को व्यक्त करना चाहिए। लेकिन यह भी जरूरी है कि दूसरों की बात सुनें और समझें। किसी भी बात को आत्मविश्वास के साथ कहें और आँख से आँख मिलते हुए अपनी बातें रखें, अपने शरीर की भाषा पर भी ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है।प्रत्येक प्रश्न को अच्छी तरह समझ कर ही उत्तर देने का प्रयास करें। यह साक्षात्कार के दौरान तालमेल और समझ स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।उत्तर देने से पहले प्रश्न या कथन को समझने के लिए कुछ समय लें। इस तरह जवाब अच्छे से दे पाएंगे।परंतु समय का ध्यान रखना आवश्यक है । नौकरी से जुड़ी जानकारी जिस भी पद के लिए कंपनी में इंटरव्यू देने जा रहे हैं, उससे जुड़ी तमाम तरह की जानकारी पहले ही जुटा लें। इसके लिए कंपनी से जुड़ी वेबसाइट को भी देख सकते हैं। जिससे कंपनी के पॉलिसी और प्रदर्शन से जुड़ी सभी जानकारी मिल सकती है। अपने बारे में सकारात्मक बातें बताएं सबसे पहले परिचय पूछा जाता है, क्योंकि इससे साक्षात्कारकर्ताओं को उम्मीदवार के बोलने का तरीका और बातों को रखने का तरीका पता चल जाता है। ऐसे में जब परिचय दें तो खासियत बताना न भूलें। दूसरों से कैसे अलग है यह जरूर बताएं।अक्सर साक्षात्कार के दौरान साक्षात्कारकर्ता आपके बारे में कुछ बातें बताने के लिए कहते हैं। ऐसे में सकारात्मक चीज़ों को बताएं, जो सामने वाले को प्रभावित करें।यह भी सुनिश्चित करें की साक्षात्कारकर्ता को महसूस हो की दूसरों से कैसे अलग हैं।

सही ड्रेस का चुनाव करें साक्षात्कार में आपके पहनावे और तौर तरीकों पर भी गौर किया जाता है। इसके लिए आप सही ड्रेस का चुनाव करें। कोशिश करें कि आप साक्षात्कार में फॉर्मल कपड़े ही पहन कर जाएं। साक्षात्कार लेने वाले वेशभूशा, शैली और व्यक्तित्व को देखते हैं। ऐसे में साक्षात्कार यदि कोई लड़का देने जा रहा है तो पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना अच्छा रहता है, जूते अच्छे से पॉलिश होने चाहिए और बाल सही तरीके से बने होने चाहिए।यदि कोई लड़की साक्षात्कार के लिए जा रही है तो बेहद फॉर्मल ड्रेस पहनने पर गौर कर सकती
हैं। हल्का मेकअप होना चाहिए। बाल अच्छे से बने हों। साक्षात्कार के लिए रंगीन, भड़काऊँ कपड़ों से दूर रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त कपड़े अच्छी तरह से प्रेस किए हुए होने चाहिए और जूते पॉलिश किए हुए होने चाहिए। दिलचस्पी या पकड़ साक्षात्कार लेने वाले दिलचस्पी के विषय में जानना चाहे तो उसी विषय के बारे में बताएं जिस पर मजबूत पकड़ हो या उसी काम के बारे में बताएं जो काम अच्छे से आता हो। कभी भी साक्षात्कारकर्ताओं से यह न कहें कि कुछ भी पूछ लीजिए तो ऐसे में फंसने की संभावना बन सकती है।
साक्षात्कारकर्ता के पूछने पर की किस काम में या किस विषय पर पकड़ है तो इसका जवाब भी मालूम होना चाहिए। ऐसे में अब तक जितना भी काम किया है उसे अच्छे से बताएं। उम्मीदवार से, इस जॉब प्रोफाइल में कैसे उपयुक्त पाते हैं यह सवाल हमेशा पूछा जाता है। ऐसे में जिस कंपनी में साक्षात्कार देने जा रहे हैं उस कंपनी के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए। जिस पद के लिए आवेदन किया है उस पद की क्या जरूरतें हैं उसका भी पता होना चाहिए।

साक्षात्कारकर्ता से क्या पूछें?

साक्षात्कार में कभी खुद से यह न पूछें कि आपका वेतन कितना होगा। अगर साक्षात्कार लेने वाले पूछें तभी बताएं की अभिलाषा क्या है। अगर पूछना है तो साक्षात्कार खत्म होने के बाद यह सवाल करें।अगर आपको यह जानना है कि काम करने के घंटे कितने होंगे तो यह भी साक्षात्कार खत्म होने के बाद ही पूछें।


समय का ध्यान

साक्षात्कार की जगह पर 15-20 मिनट पहले ही पहुंचना चाहिए।इस से पहला प्रभाव अच्छा डाल पाएंगे, साथ ही इससे यह भी पता चलेगा कि समय के पाबंदी प्राथमिकता में है।साक्षात्कार में समय से पहले पहुंचने से फायदा होगा। कई बार साक्षात्कार पर देरी से पहुंचने पर अक्सर नर्वस फील करते हैं।

साक्षात्कार देते समय कहाँ बैठें?


इन सब के साथ पहली चुनौती होती है की साक्षात्कार में कहाँ बैठना है। अध्ययनों से पता चला है कि आंखों का संपर्क विश्वास और आकर्षण पैदा करता है, इसलिए प्रयास करें कि उस सीट पर बैठें जो आसान आंखों के संपर्क की सुविधा प्रदान करती है। यदि संभव हो तो सीधे अपने साक्षात्कारकर्ता के सामने ही बैठे। अब अगर पहले से सीट निर्धारित है तो उसी पर बैठना चाहिए। बदलने के लिए निवेदन या माँग नहीं करना चाहिए।एक बार जब बैठ जाएं, तो साक्षात्कार में अच्छी मुद्रा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि सीधे बैठें, झुकें नहीं।अध्ययनों से पता चला है की सीधे बैठने से आत्मविश्वास बढ़ता है।

हाँ अगर आवश्यक हो तो थोड़ा आगे झुकें और आंखों का संपर्क बनाए। झुकना केवल यह दर्शाने के लिए है कि ध्यान से साक्षात्कारकर्ता की बात सुनने का प्रयास मात्र है। इस समय भी आंखों का प्राकृतिक संपर्क बनाए रखें। यह एक विश्वास-निर्माण व्यवहार है जो मानव मस्तिष्क में गहराई से जुड़ा हुआ है।
साक्षात्कार में बैठने का कोई एक सर्वोत्तम तरीका नहीं है जो हर स्थिति के लिए उपयुक्त हो। कुछ साक्षात्कार अधिक औपचारिक होते हैं और अन्य अधिक अनौपचारिक। हमेशा दरवाजे पर प्रवेश करने के बाद स्थिति का आकलन करना चाहिए और साक्षात्कारकर्ताओं के व्यवहार को, जैसा उचित हो, व्यवहार में प्रतिबिंबित करना चाहिए।

हाथों और भुजाओं को ध्यानपूर्वक उचित स्थान पर रखें। भुजाओं को क्रॉस करके रखने से बचना चाहिए। ऐसा करना असुविधा और रक्षात्मकता का संकेत देता है। इसके बजाय हाथों को गोद या सामने टेबल पर रखें। यह स्थिति खुलेपन और सहयोग करने की इच्छा का संकेत देती है और प्राकृतिक इशारों के साथ प्रमुख बिंदुओं पर जोर देने के लिए हाथों को मुक्त करती है।

मेज पर उंगलियां से थपथपाना, पैर हिलाना, बालों से खेलना और अन्य प्रकार की चंचलता, अविश्वनीयता का संकेत देती है।झिझकना एक बुरी बात है।साक्षात्कारकर्ता उस उम्मीदवार को याद नहीं रखता है, जिसने झिझकते हुए प्रश्न का उत्तर दिया हो। अनावश्यक गतिविधियों को न्यूनतम रखने का सचेत प्रयास करें। जैसा की कहा गया है, बोलते समय मुख्य बिंदुओं पर ज़ोर देने या स्पष्ट करने के लिए अपने हाथों का उपयोग करना सकारात्मक है। ज़ोरदार हाथ के इशारे शब्दों के कथित मूल्य को बढ़ाते हैं।


सामान्य तैयारी कैसे करें?


कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे लिखे हैं जो साक्षात्कार के लिए तैयारी में मदद कर सकते हैं :

- जहां साक्षात्कार के लिए जा रहे है उस कंपनी और उसके सभी कार्यकलापों के बारे में पता कर लें। यह सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम होता है। कंपनी के हाल ही में हुए सभी उद्यम, व्यापार मॉडल और योजना के बारे में जानना चाहिए। ऐसा करने से यह समझने में भी मदद मिलेगी कि कंपनी में दी जा रही पोजिशन में कैसे फिट होंगे।

- जिस पद के लिये साक्षात्कार देने जा रहे हैं उसके विवरण को अच्छी तरह से पढें और जान लें।वैसे तो प्रार्थना पत्र डालने से पहले ही विवरण पढ़ लेना चाहिए परंतु साक्षात्कार देने जाते समय दुबारा पढ़ लेना चाहिए। क्योंकि विवरण दोबारा पढ़ने से साफ तौर पर पता चल सकेगा कि कंपनी, विभाग या संस्था उम्मीदवार में क्या ढूंढ रही है, और उनको कैसे पूरा कर सकते हैं। जिस तरह की जिम्मेदारियां भविष्य में कंपनी में उठाएंगे और यदि उससे जुड़ा कोई प्रश्न है, तो उसके बारे में साक्षात्कार के समय पूछ सकते हैं जिस से व्यवस्था को लेकर जिज्ञासा शांत हो जाएगी।

- कोई आवश्यक नहीं है की वही उम्मीदवार अच्छा होगा जिसके पास अनुभव हो।एक फ्रेशर भी साक्षात्कार में विश्वास दिला सकता है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देगा।पूरी क्षमता से काम करेगा ताकि इस उद्योग के विकास और कल्याण में उसका सर्वश्रेष्ठ योगदान होगा ।

इनके अतिरिक्त निम्नलिखित पाँच मुख्य बिंदु हैं जिनका उपयोग प्रश्नों के विस्तृत स्पष्टीकरण देने के लिए किया जा सकता है:

(अ) विशिष्ट कौशल और अनुभव को हाइलाइट करें जो सीधे नौकरी की आवश्यकताओं से संबंधित हैं। उद्योग या क्षेत्र के लिए अपने उत्साह और जुनून को व्यक्त करें। समझाएँ कि वास्तव में काम में क्यों रुचि रखते हैं और यह दीर्घकालिक कैरियर लक्ष्यों के साथ कैसे संरेखित है। यह समर्पण को प्रदर्शित करता है और दिखाता है कि प्रस्तावित भूमिका में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित होने की संभावना रखते हैं।
(ब) पिछली उपलब्धियों के ठोस उदाहरण बतायें जो परिणाम प्राप्त करने क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।यह भी बतायें कि कार्य स्थल पर योगदान ने पिछले संगठनों या परियोजनाओं को कैसे सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।क्षमताओं का ठोस सबूत देने के लिए जहाँ भी संभव हो उपलब्धियों का वर्णन करें।
(स) सांस्कृतिक अनुकूलता पर चर्चा करें और बतायें की मूल्य, कार्यशैली और व्यक्तित्व कंपनी की संस्कृति के साथ कैसे मेल खाते हैं।इसके साथ ही किसी भी विशिष्ट विशेषता या अनुभव को आगे बढ़ायें जो टीम की गतिशीलता और कंपनी के माहौल के लिए उपयुक्त होगा। इससे पता चलता है की संगठन में सहजता से एकीकृत हो जाएँगे और इसकी सफलता में सकारात्मक योगदान देने लगेंगे।विकास की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं करें।
(द) कार्यस्थल पर प्रस्तावित भूमिका के भीतर सीखने और विकसित होने की अपनी उत्सुकता को साक्षात्कारकर्ताओं के समक्ष व्यक्त करने से चूके नहीं।बतायें कि कंपनी के विकास और सफलता में योगदान देने के लिए मौजूद कौशल का लाभ कैसे उठाया जा सकता है, साथ ही नए ज्ञान प्राप्त करने और बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होने की प्रबल इच्छा पर भी जोर देना साक्षात्कारकर्ताओं को प्रभावित करता है।दिखाएँ कि विकास की मानसिकता है और नई चुनौतियों को लेने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
(य) प्रश्नों के उत्तर देते समय अहंकारपूर्ण उत्तर कभी नहीं देना चाहिए। नकारात्मक आत्म-मूल्यांकन से भी बचना चाहिए।
(र) साक्षात्कारकर्ताओं को यह बहुत अच्छा लगता है की वो जाने की यह नौकरी क्यों
चाहते हैं?
इस के उत्तर में कंपनी के प्रति झुकाव या लगाव की वजह को जाहिर करना चाहिए। उपलब्ध जानकारी के आधार पर जो भी कंपनी के बारे में जाना है, उसे बताएं। साथ ही यह भी बताएं कि सहयोग और योगदान से कंपनी को फायदा कैसे मिल सकता है।
(ल) कभी कभी यह प्रश्न पूछ लिया जाता है कि इसी कंपनी या ऑफिस में काम क्यों करना चाहते हैं?
उत्तर में कंपनी द्वारा किए जा रहे विशेष कार्यों का उल्लेख कर सकते हैं। या यह भी कह सकते हैं कि कंपनी हर बार सर्वोत्तम कंपनियों की सूची में रहती है।

निम्नलिखित कुछ ऐसे कुछ प्रश्न हैं जो लगभग प्रत्येक साक्षात्कार में सामान्य तौर पर पूछे जाते हैं।जैसे :


(ए) हमें कुछ अपने बारे में बताएं।
(ब) योग्यता और रुचि क्या हैं?
(स) आप इस कंपनी से क्यों जुड़ना चाहते हैं?
(द)ताक़त और कमजोरी के बारे में चर्चा करें।
(य) इस पद के लिए कैसे उचित समझते हैं।
(र) क्या कोई सवाल है?
इन सवालों के उत्तर अगर तैयार हैं तो साक्षात्कार को आसानी से कर पायेंगे। यहाँ ध्यान देने की बात है कि जब यह पूछा जाये कि, क्या कोई प्रश्न है? तो कभी उत्तर में  ''नहीं'' बोलने से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि यही वक्त है कंपनी और पोजिशन के बारे में पूछकर जिज्ञासा दिखाने का और शान्त करने का है।

याद रखना होगा कि साक्षात्कारकर्ता को एक दिन में कई साक्षात्कार करने होते है इसलिए मौका मिलने पर केवल 2-3 प्रश्न ही पूछना उचित रहता है। अपने बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए।सबसे पहले नाम के बारे में बताना चाहिए।फिर परिवार के बारे में बताना चाहिए। फिर योग्यता।अनुभव के बारे में बताएं और फिर अपनी रूचि और शौक के बारे में विवरण सधे हुए शब्दों में व्यक्त करना चाहिये।

नौकरी के लिए साक्षात्कार की बात आती है, तो एक सवाल जो अक्सर उम्मीदवारों को परेशान कर देता है वह है  ''आपकी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है?'' यह एक पेचीदा सवाल है क्योंकि कोई कमजोरी उजागर नहीं करना चाहता इस डर से की कहीं पद के लिए अयोग्य ना ठहरा दिया जाये।लेकिन यह भी संभव नहीं है की कहें कि कोई कमजोरी नहीं है। यह कहने पर अहंकारी या आत्म-जागरूकता की कमी की बू आने की संभावना बढ़ जाती है।

इसको कैसे हल किया जाये इसके लिए कुछ उदाहरण प्रस्तुत हैं:

पूर्णतावाद: हालाँकि पूर्णता के लिए प्रयास करना सराहनीय हो सकता है, लेकिन इससे तनाव और चिंता भी हो सकती है। इस कमजोरी को उत्कृष्टता की इच्छा के रूप में देखें, लेकिन यह भी ध्यान में रखें कि व्यावहारिकता और समय प्रबंधन कौशल के साथ संतुलन बनाना सीख रहे हैं। कार्यों को प्राथमिकता देने और यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करने की क्षमता पर जोर दें, साथ ही गुणवत्तापूर्ण कार्य के महत्व को भी स्वीकार करें।

टालमटोल: टालमटोल करना एक आम चुनौती हो सकती है और इससे अवसर और समय-सीमाएँ भी चूक सकती हैं। यह जाने और समझाएं कि समय प्रबंधन के महत्व को पहचानते हैं और विशिष्ट रणनीतियों को लागू किया है, जैसे समय सीमा निर्धारित करना, कार्यों की सूची बनाना और कार्यों को छोटे, प्रबंधनीय भागों में विभाजित करना।समय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में जो भी सफलता मिली है उसे उजागर करने से सच्चाई को सराहा जायेगा।

सार्वजनिक भाषण: हालाँकि सार्वजनिक रूप से बोलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कार्यस्थल में यह अक्सर एक आवश्यक कौशल है।सार्वजनिक बोलने की क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए जो भी प्रशिक्षण या अभ्यास किया है, उसे उजागर करें, जैसे कार्यशालाओं में भाग लेना, सहकर्मियों के साथ अभ्यास करना, या सार्वजनिक बोलने के कार्यक्रमों में भाग लेना आदि।इस क्षेत्र में सीखना और आगे बढ़ना जारी रखने की अपनी इच्छा पर जोर दें।

कार्य सौंपना: कार्य सौंपना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन प्रभावी टीम वर्क के लिए यह एक आवश्यक कौशल है। समझाएं कि आप सहयोग के मूल्य को समझते हैं और सहकर्मियों के साथ विश्वास बनाने के लिए कदम उठाना जानते हैं। कार्यों को सौंपने में जो भी सफलता मिली है, उसे उजागर करना सहायक होता है और प्रभावी ढंग से सौंपने के लिए सीखने के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दे सकते हैं।

विस्तार पर ध्यान: विस्तार विवरण पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह कभी- कभी पूर्णतावाद और चूक की समय सीमा का कारण बन सकता है। इस बात पर ज़ोर देना आवश्यक है कि दक्षता के साथ गुणवत्ता को संतुलित करने के महत्व को समझते हैं और कार्यभार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करने के लिए रणनीतियाँ लागू की है। समय सीमा को पूरा करने के साथ-साथ विस्तार पर ध्यान बनाए रखने में जो भी सफलता मिली है, उसे सामने रखें।

टकराव में कठिनाई:टकराव असहज हो सकता है, लेकिन प्रभावी संचार और संघर्ष समाधान के लिए यह कभी-कभी आवश्यक भी होता है। इस कमजोरी को सकारात्मक रिश्ते बनाए रखने की इच्छा के रूप में देखें, लेकिन आत्मविश्वास और संचार कौशल का निर्माण करके इसे दूर करने के लिए काम कर रहे हैं इसे उजागर करें । संचार कौशल को बेहतर बनाने के लिए जो भी प्रशिक्षण या अनुभव प्राप्त किया है, उसे ज़ाहिर करने से साक्षात्कारकर्ता आपके जुझारूपन को सम्मान देने के बारे में सोचने को मजबूर होगा।

ज़्यादा सोचना: ज़्यादा सोचना अनिर्णय का कारण हो सकता है और अवसर चूक हो सकती है। साक्षात्कारकर्ताओं को समझाएं कि समय पर निर्णय लेने के महत्व को पहचानते हैं और अनिर्णय में फंसे बिना किसी स्थिति के फायदे और नुकसान को

प्रभावी ढंग से मापने में मदद करने के लिए रणनीतियों को लागू करना जानते हैं। व्यावहारिकता के साथ सावधानीपूर्वक विचार को संतुलित करने की क्षमता भी है और उसी प्रकार आगे भी कार्य उसी के अनुसार करेंगे।

मल्टीटास्किंग: मल्टीटास्किंग को एक मूल्यवान कौशल के रूप में देखा जाता है। इस बात पर जोर दें कि कार्यों को प्राथमिकता देने के महत्व को पहचानते हैं और समय प्रबंधन कौशल को विकसित करने के लिए पूर्व में कदम उठाए हैं। अपने कार्यभार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में आपको जो भी सफलता मिली है, उसे उजागर करें।

अधीरता:अधीरता सभी के लिए निराशाजनक हो सकती है। साक्षात्कारकर्ताओं को समझाएं कि शांत और धैर्यवान रहने के महत्व को पहचानते हैं, और भावनाओं को प्रबंधित करने और काम पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद करने के लिए रणनीतियों को लागू करने में सक्षम है। धैर्यवान और केंद्रित रहने में जो भी सफलता मिली है, उसको समय मिलते ही विस्तार से उजागर करें।

संचार:कार्यस्थल पर प्रभावी संचार आवश्यक है, लेकिन यह हमेशा आसान नहीं होता है। इस कमजोरी को संचार कौशल में सुधार करने की इच्छा के रूप में देखें, और सुधार के लिए उठाए गए किसी भी कदम को उजागर करना उचित रहेगा।जैसे कार्यशालाओं में भाग लेना या सहकर्मियों के साथ अभ्यास करना। फीडबैक सुनने और उससे सीखने की इच्छा पर जोर देने से संचार व्यवस्था में सुधार संभावित है।

संगठन:अव्यवस्था के कारण समय सीमा छूट सकती है और दस्तावेज़ खो सकते हैं। इस बात पर जोर दें कि संगठित रहने के महत्व को पहचानते हैं और इसे हासिल करने के लिए विशिष्ट रणनीतियों को लागू किया है। जैसे कि क्या करना है? की सूचियों का उपयोग करना या कार्यक्षेत्र को व्यवस्थित करना। संगठित रहने और समय सीमा को पूरा करने में प्राप्त सफलता को बतायें।

समय प्रबंधन:प्रभावी समय प्रबंधन एक महत्वपूर्ण कौशल है जो उत्पादकता को अधिकतम करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। स्वीकार करें कि समय प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इस कमजोरी को इस क्षेत्र में अपने कौशल में सुधार करने की इच्छा के रूप में देखें। सुधार के लिए द्वारा उठाए गए किसी भी विशिष्ट कदम पर प्रकाश डालें, जैसे समय-ट्रैकिंग ऐप्स का उपयोग करना, शेड्यूल बनाना, या कार्यों को सौंपना। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में लगातार सीखने और आगे बढ़ने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दें।

नौकरी के लिए साक्षात्कार के लिए अपनी कमजोरियों पर चर्चा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह साक्षात्कार की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपकी को पहचानने में मदद के लिए यहां कुछ कदम दिए गए हैं: अपने पिछले अनुभवों पर विचार करें: पिछले कार्य अनुभवों पर विचार करने के लिए कुछ समय निकालें और उन क्षेत्रों के बारे में सोचें जहां संघर्ष करना पड़ा या सुधार के लिए प्रतिक्रिया मिली।

फीडबैक मांगें: सहकर्मियों या पर्यवेक्षकों तक पहुंचें और उन क्षेत्रों पर रचनात्मक फीडबैक मांगें जहां सुधार कर सकते हैं। इससे ताकत और कमजोरियों के बारे में बहुमूल्य जानकारी हासिल करने में मदद मिल सकती है। व्यक्तित्व या कौशल मूल्यांकन लें: शक्तियों और सुधार के क्षेत्रों की बेहतर समझ हासिल करने के लिए मायर्स- ब्रिग्स टाइप इंडिकेटर या क्लिफ्टनस्ट्रेंथ्स मूल्यांकन जैसे व्यक्तित्व या कौशल मूल्यांकन करने पर विचार करें।

नौकरी की आवश्यकताओं पर विचार करें: नौकरी के विवरण की समीक्षा करें और उन क्षेत्रों के बारे में सोचें जहां उतना अनुभव या ज्ञान नहीं है। इससे उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिल सकती है जहां सुधार करने या नए कौशल विकसित करने की आवश्यकता हो सकती है। आत्म-चिंतन का अभ्यास करें: नियमित रूप से आत्म-चिंतन में संलग्न रहें और स्वयं के प्रदर्शन का मूल्यांकन करें। उन क्षेत्रों के बारे में सोचें जहां बेहतर कर सकते थे और विचार करें कि भविष्य में कैसे सुधार कर सकते हैं।

याद रखें, कमजोरियों पर चर्चा करते समय साक्षात्कारकर्ता के प्रति ईमानदार रहना महत्वपूर्ण है। हालाँकि, कमजोरियों को रेखांकित करना भी महत्वपूर्ण है जिससे पता चले कि सुधार और विकास के लिए कैसे सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। कमजोरियों पर विचार करने और सुधार के लिए रणनीति विकसित करने के लिए समय निकालकर, इस चुनौतीपूर्ण साक्षात्कार प्रश्न का उत्तर देने के लिए बेहतर ढंग से तैयार होंगे।

उत्तर देने के लिए युक्तियाँ:

(1) ईमानदार और आत्म-जागरूक रहें: ईमानदारी सदा सर्वोत्तम नीति होती है। नौकरी के लिए इंटरव्यू में कमजोरियों को स्वीकार करना दर्शाता है कि आत्म- जागरूकता है और सीखने के इच्छुक हैं। कमजोरियों को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। इस से यह पता चलता है कि जो हैं उसके साथ सहज हैं और प्रतिक्रिया के लिए खुले हैं।
(2) उदाहरण प्रदान करें:कमजोरियों पर चर्चा करते समय, पिछले अनुभवों से विशिष्ट उदाहरण देना आवश्यक है। इससे पता चलता है कि कमजोरियों पर विचार किया है और सुधार के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। यह साक्षात्कारकर्ताओं को इस बात की बेहतर समझ देता है कि चुनौतियों को कैसे सँभालते हैं और बाधाओं को कैसे दूर करते हैं।
(3) जो सीखा है उस पर जोर दें: कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, उनसे क्या सीखा है उस पर ध्यान केंद्रित करें। इससे पता चलता है की समस्या समाधानकर्ता के रूप में सक्रिय हैं और कमजोरी को ताकत में बदल सकते हैं। विकास और सीखने पर जोर देकर लचीलापन और अनुकूलनशीलता प्रदर्शित करते हैं।
(4) विकास और सुधार दिखाएँ: कमज़ोरियों और उनसे जो सीखा है उसे स्वीकार करना पर्याप्त नहीं है।यह भी दिखाना होगा कि सुधार के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। इस बात पर चर्चा करें कि जिन क्षेत्रों में कमज़ोरियाँ थीं, उनमें सुधार लाने के लिए किस प्रकार सक्रिय रूप से काम किया है। इससे पता चलता है कि करियर में सीखने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हैं।
(5) अपनी कमजोरियों को नौकरी से जोड़ें: साक्षात्कार में कमजोरियों पर चर्चा करते समय बतायें कि नौकरी के लिए प्रासंगिक क्षेत्रों में सुधार के लिए कैसे सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि उस पद पर निवेशित हैं और सफल होने के लिए वह सब कुछ करने के लिए तैयार हैं जो आवश्यक है।कमज़ोरियों को नौकरी से जोड़कर, भूमिका के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और कंपनी में योगदान करने की उत्सुकता प्रदर्शित करते हैं।

कुछ मूलभूत और आवश्यक बिंदुओं को रखा है जो किसी भी साक्षात्कार में जाने से पहले अगर ध्यान से देखेंगे, मनन करेंगे और अनुपालन सुनिश्चित करेंगे तो संभावनाओं में अवश्य सुधार आने की गुंजाइश रहेगी।

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