समय की पुकार

- Repoter 11
- 06 Mar, 2024
परम्परा अनुसार विद्यार्थी अपने
भविष्य के लिए विभिन्न विभिन्न विषयों में पढ़ाई पूरी करते रहे हैं और बाद में
अपनी तथा अपने परिवार के भरण पोषण में सहभागी बनते रहे हैं| विषयों में पारंगत
होने के साथ साथ उन्हें अपने कार्य में अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता
रहता है जो उन्हें अपनी पढ़ाई के दौरान शायद ज्ञात नहीं हो पता और वे अनभिज्ञ रहते
हैं। साधनों की कमी, सही विषयों की विशेषज्ञता रखने वाले विद्वानों की कमी भी कारण रही होगी जिस से
माइक्रो लेवल पर ज्ञान जल्द नहीं प्राप्त हो पाता था परन्तु अब कम्प्यूटर युग में
तरह तरह के विशेष शॉर्ट टर्म कोर्सेज़ उपलब्ध हो गए हैं जिनको पूरा करके कार्यरत
ग्रुप अपने को पारंगत कर लेता है तथा बिना किसी विलम्ब के अपनी विशेषज्ञता में
बढ़ोत्तरी (वैल्यू अडिशन) कर लेता है|विशेषज्ञों का मत
है कि कम समय के कोर्सों के करने के बाद नौकरी मिलने में भी आसानी होती है तथा जो
नौकरी कर रहे हैं उनको भी कार्य के दौरान किसी भी विशेष क्षेत्रों में महारत हासिल
करने में भी सर्टिफ़िकेट कोर्सों द्वारा बहुत मदद हो जाती है और अब तो सर्टिफ़िकेट
कोर्सों को सीधे नौकरी प्राप्त करने से जोड़ कर देखा जाने लगा है। यह बदलाव बहुत
पहले नहीं लगभग दश वर्षों में आया है।
कम्प्यूटर के विशेष इस्तेमाल एवं इस के द्वारा ऑफ़लाइन,ऑनलाइन दोनो तरह के पढ़ाई कराने की योग्यता काफ़ी पसंद की गयी और विषयों में पारंगतता का विस्तार होता गया।इन कोर्सों से वैल्यू अडिशन भी कन्वेन्शनल कोर्सों में किया जा रहा है। विदेशों में तो इसका प्रचलन पहले से ही है अब भारतीय कंपनीयों द्वारा भी वैल्यू अडिशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। डेटा साइयन्स, क्लाउड कम्प्यूटिंग इत्यादि आज कल प्रचलित हैं।कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण बड़ी बड़ी कम्पनियाँ चाहती हैं कि कार्य करने वाले मल्टी टास्क हों इसी को ध्यान में रखते हुए स्पेशल कोर्स किए हुए भी बिज़्नेस अड्मिनिस्ट्रेशन या वित्तीय क्षेत्रों के कम समय के सर्टिफ़िकेट कौर्सो पर ध्यान दे रहे हैं।वो दिन गए जब एक स्पेशलिस्ट कोर्स करने के बाद इतिश्री मान लिया जाता था। अब तो प्रत्येक अपने विधा या उस से जुड़े अन्य विधाओं में भी पारंगत होने का प्रयास कर रहे हैं।
डीजीटाईजेशन ने इस प्रक्रिया को आसान बना दिया
है। कम लागत में शिक्षा प्राप्त हो जाना भी समय की पुकार को कुछ हद तक पूरा करने
में सहायक हो रही है।डीजीटाईजेशन के कारण बहुत से नए नए विषयों पर अनुसंधान के बाद
कम्प्यूटर द्वारा शिक्षा प्राप्त हो रही है।लिखित तथा प्रैक्टिकल पढ़ाई से
इंडस्ट्री को तैयार टेक्निकल स्किल प्राप्त हो रहा है इस से इंडस्ट्री को जो लागत स्किल प्राप्त कराने में लगती
था उसकी भी बचत हो रही है साथ ही साथ ट्रेनिंग में जो समय लगता था उसकी भी बचत हो
रही है। इंडस्ट्री के माँग को देखते हुए लगभग प्रत्येक शिक्षा व्यवसाय क्षेत्र से
जुड़े अपने अपने कोर्सों में लगातार बदलाव करके माँग की पूर्ति करने में लगे हैं।
इस प्रकार देखें तो कम समय और कम लागत में सर्टिफ़िकेट कोर्सों को कर के प्रत्येक
नौकरी चाहने वाला या नौकरी करने वाला भविष्य को सुधार रहा है।अब महँगी पढ़ाई जो एक
वर्ग तक सीमित हो गयी थी उसमें प्रत्येक समाज के वर्ग भागीदार बन रहे हैं।शिक्षा
क्षेत्र में ये एक प्रकार की क्रांति ही है।
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